Friday, May 15

विश्लेषणात्मक विचारधारा

समर्थक -ऑस्टिन, ग्रे, एलन, सामण्ड, बेंथम, हालैंड
 आलोचक - हेनरी मेन, सैविनी, ब्राइस, विनोडेग्राफ, ड्युगिट

 विश्लेषणात्मक विचारधारा को  विध्यात्मक या आदेशात्मक (imperative) विश्लेषणात्मक प्रमाणवाद (analytical positism)  के नाम से जाना जाता है ।

ऑस्टिन को विश्लेषणात्मक विचारधारा का प्रवर्तक कहा जाता है 

आंग्ल विधि के जनक ऑस्टिन को माना जाता है

 संप्रभुताधारी सिद्धांत को ऑस्टिन ने हाब्स से तथा ब्लेकस्टन के विचारों से लिया है

“Commentry of law of England”—Blackstone

•   विश्लेषणात्मक विचारधारा का उद्भव 19वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में हुआ
• विश्लेषणात्मक शाखा के विचारकों के अनुसार विधिशास्त्र का मुख्य उद्देश्य वास्तविक विधि के मूलभूत सिद्धांतों का विश्लेषण करना है
• ऑस्टिन बेंथम सामण्ड हालैंड केल्सन ग्रे एलन आदि विश्लेषणात्मक विचारधारा के प्रवर्तक हैं
• ऑस्टिन विधि को न्याय से भिन्न मानते हैं
• ऑस्टिन द्वारा प्रतिपादित  विधि के आदेशात्मक सिद्धांत के मुख्य तत्व संप्रभुता शक्ति समादेश तथा शास्ति है
• ऑस्टिन ने निश्चयात्मक विधि को सामान्य समादेश कमांड माना है।
• ऑस्टिन के अनुसार समादेश दो प्रकार के होते सामान्य तथा विशिष्ट
• ऑस्टिन के अनुसार विधि दो प्रकार की होती है दैवीय और मानव विधियां
• ऑस्ट्रेलिया संप्रभुता का सिद्धांत हाब्स से ग्रहण किया था
• बेंथम प्राकृतिक विधिशास्त्र के आलोचक थे
• बेंथम की विधि संबंधी विचार उपयोगितावाद पर आधारित है
• बेंथम के उपयोगितावाद उन्हें आस्टिन से अलग करता है
• सामाण्ड के अनुसार विधि का उद्देश्य न्याय की रक्षा करना है
• सामण्ड ने कहा है कि विधि ना केवल अधिकार और ना केवल शक्ति बल्कि इन दोनों का उचित समन्वय है
• आस्टिन के विधि के प्रमुख आलोचक सर हेनरी मेन और सैवनी है
• ब्राइस विनोडे ग्राफ तथा ड्यूगिट भी विश्लेषणात्मक विचारधारा के आलोचक है।
• ऑस्टिन के आदेशात्मक विधि के सिद्धांतों के परिणाम स्वरुप विधिशास्त्र के वियना स्कूल की उत्पत्ति हुई
• केल्सन तथा उनके साथियों को वियना स्कूल के नाम से जाना जाता है
• केल्सन का विधि सिद्धांत कांट की विचारधारा पर आधारित है
• केल्सन के अनुसार विशुद्ध सिद्धांत को राजनीति, नीतिशास्त्र, समाजशास्त्र से पृथक रखा जाना चाहिए
• केल्सन विधि को मानकत्व पर आधारित करते हैं
• कोई मानक वैध है या नहीं इसका निर्धारण मूल मानक के आधार पर किया जाएगा
• केल्सन के अनुसार मूल मानक का चयन का निर्धारण सामर्थ से होता है
• केल्सन  के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय विधि राज्य विधि से श्रेष्ठतम है
• केल्सन प्राइवेट और लोक वृद्धि में कोई अंतर नहीं मानते
• केल्सन और आस्टिन में समानता यह है कि दोनों के द्वारा प्राकृतिक विधि का विरोध किया गया है
• केल्सन और आस्टिन में एक अंतर यह है कि केल्सन का सिद्धांत क्रियाशीलता पर आधारित जबकि आस्टिन का सिद्धांत स्थिरता पर आधारित है
• प्रोफेसर लास्की ने केल्सन के विशुद्ध सिद्धांत को व्यर्थ का दिमागी कसरत कहा है
• लाटरपॉट के अनुसार राष्ट्रीय विधि पर अंतर्राष्ट्रीय विधि को प्राथमिकता देकर केल्सन ने प्राकृतिक विधि का पिछले द्वार से रास्ता खोल दिया है
• भारत की विधि व्यवस्था में मूल मानक संविधान है
• हिटलर कालीन जर्मन विधि व्यवस्था में मूल मानक तानाशाह की इच्छा थी
• बेंथम ने प्रमाण बाद की आधुनिक अर्थ में नींव रखी
• विश्लेषणात्मक विचारधारा का प्रतिपादक आस्टिन को कहा जाता है
• बेंथम के अनुसार प्रकृति ने मानव को सुख एवं दुख के साम्राज्य के अधीन कर रखा है
• बेंथम के उपयोगितावाद का प्रतिपादन कर्ता माना जाता है
• द लिमिट्स ऑफ ज्यूरिस्प्रूडेंस डिफाइंड बेंथम की कृति है
• प्रोविंस ऑफ ज्यूरिस्प्रूडेंस ऑस्टिन की कृति है
• ऑस्टिन के अनुसार विधि संप्रभु का समादेश है जो कर्तव्य अधिरोपित करता है और जिसकी शास्ति से बल मिलता है
• ऑस्टिन के अनुसार विधि के संप्रभु समादेश एवं शास्ति गुण हैं
• ऑस्टिन विधि को नैतिकता से अलग रखता है और कहता है कि विधिशास्त्र के विज्ञान का संबंध विधि की उपयोगिता का उद्देश्य नहीं है
• प्रोफेसर सी के एलन ऑस्टिन को विधिशास्त्र मे ताड़ का वृक्ष कहा है
• केल्सन ऑस्टिन से एक कदम आगे माना जाता है
• केल्सन के विधि के सिद्धांत को विशुद्ध सिद्धांत कहते हैं क्योंकि केल्सन ने विधि को धर्म नीतिशास्त्र समाजशास्त्र और इतिहास से अप्रभावित रखने का बल दिया है
• सामण्ड का मत है कि समस्त विधि संग्रह को अनियमितता विधि के रूप में बदलने की प्रक्रिया को संहिताकरण कहते हैं
• सामण्ड के अनुसार विधिशास्त्र के तीन भाग हैं 1. विश्लेषणात्मक 2. ऐतिहासिक 3. नैतिक
• व्यक्तिवादी उपयोगितावाद का सिद्धांत बेंथम द्वारा प्रतिपादित किया गया है
• उपयोगितावाद का सिद्धांत अर्थात अधिक से अधिक लोगों का अधिक से अधिक कल्याण( बहुजनहिताय) का प्रणेता बेंथम को कहा जाता है
• हॉर्ट विधिशास्त्र को नियमों की एक व्यवस्था के रूप में देखता है
• हॉर्ट ने विधि को प्रमुख एवं गौण नियमों का योग कहां है
• दी कंसेप्ट ऑफ लॉ हार्ट की पुस्तक है
• बेंथम ने विधिशास्त्र के विषय को व्याख्यात्मक तथा निश्चयात्मक विधिशास्त्र के रूप में वर्गीकृत किया था
• मुख्यता आस्टिन को आंग्ल विधिशास्त्र का जनक कहा जाता है
• फुल्लर के अनुसार किसी समाज के अस्तित्व के लिए आंशिक नैतिकता आवश्यक है
• आस्टिन विधि को न्याय से भिन्न मानते हैं उनके अनुसार विधि उचित और अनुचित पर आधारित ना होकर संप्रभुता धारी के आदेशों पर आधारित है
• आस्टिन निश्चित मत का होने के कारण विधि का आधार संप्रभुताधारी व्यक्ति या व्यक्तियों की शक्ति में निहित मानते हैं इसी सिद्धांत को उन्होंने विधि का आदेशात्मक सिद्धांत कहा है
• ऑस्टिन के अनुसार आदेश के साथ शास्ति जुड़ी रहने पर ही उसे निश्चयात्मक विधि कहा जा सकेगा
• ऑस्टिन के अनुसार निश्चयात्मक विधि में संप्रभुता आदेश कर्तव्य तथा शास्ति ये चार तत्व होना आवश्यक है
• ऑस्टिन में संप्रभुता का सिद्धांत हाब्स से ग्रहण किया था
• ऑस्टिन का विधि सिद्धांत ब्लेकस्टन के विचारों पर आधारित किया
• कमेंट्रीज् ऑन दी लॉ ऑफ इंग्लैंड ब्लेकस्टन की कृति है जिससे आस्टिन बहुत प्रभावित थे।
• ब्लैकस्टन के अनुसार विधि नागरिक आचरणों के ऐसे नियम है जिसे किसी राज्य की सर्वोच्च शक्ति द्वारा उचित समादेश और अनुचित का प्रतिषेध करने के लिए निर्देशित किया जाता है
• एलिमेंट्स ऑफ  ज्यूरिस्प्रूडेंस हालैंड की कृति है
• हालैंड ने विधिशास्त्र को निश्चयात्मक विधि का औपचारिक विज्ञान कहां है
• ड्यूगिट ने विधि को एक सामाजिक तत्व के रूप में परिभाषित करते हुए ऑस्टिन के प्रमाणवादी विधि सिद्धांत को अमान्य किया
• ड्यूगिट के अनुसार निश्चयात्मक विधि जैसी कोई चीज नहीं है वह समाज की आवश्यकताओं को ही विधि का मूल आधार मानते हैं
• केल्सन का विधि सिद्धांत विधिशास्त्र में दो बिंदुओं से महत्वपूर्ण है--
• A.  यह कि इसे विश्लेषणात्मक पद्धति के विकास की चरम सीमा माना गया है 
• B.  यह कि इस सिद्धांत में 19वीं शताब्दी के अंतिम तथा बीसवीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में विधि में अपनाई जाने वाली नीति का स्पष्ट वर्णन पाया जाता है

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