सूचना (Notice) सम्पति अंतरण अधिनियम की धारा 3 में परिभाषित है | धारा 3 के शब्दों में किसी तथ्य की सूचना को निम्नवत परिभाषित किया गया है- “किसी तथ्य की व्यक्ति को सूचना है यह तब कहा जाता है जब वह वास्तव में उस तथ्य को जानता है अथवा यदि ऐसी जाँच या तलाश जो उसे करनी चाहिए थी , करने से जानबूझकर विरत न रहता था, घोर उपेक्षा न करता तो वह उस तथ्य को जान लेता |