संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 10 सशर्त अंतरण से सम्बंधित है | धारा 10 के अनुसार यदि किसी संपत्ति (चल/अचल) का अंतरण किया जाता है (अंतरण चाहे आत्यंतिक हित द्वारा दिया जा रहा हो या सीमित) और उसमें यह शर्त लगा दी जाती है कि अंतरिती या उसका उत्तराधिकारी भविष्य में उसे अंतरित नही कर सकेगा तो यह देखा जायेगा कि संपत्ति को पुनः अंतरित करने से रोकने वाली शर्त या मर्यादा पूर्ण है या आंशिक | यदि वह शर्त या मर्यादा पूर्ण है तो वह शून्य होगी और यदि ऐसा अवरोध आंशिक है तो वैध होगी तथा अंतरण दोनों ही परिस्थितियों में वैध होगा |
उदाहरण के लिए – A, B को अपना मकान