Saturday, May 30

हिन्दू विवाह एक संस्कार है” 1955 के अधिनियम ने इसे किस सीमा तक संविदात्मक बना दिया है ? तथा हिन्दू विवाह की प्रकृति


हिन्दू विवाह अपने आप में एक संस्कार है | यह प्रत्येक हिन्दू के लिए एक अनिवार्य संस्कार है।

 मनु के अनुसार – “स्त्री की रचना माँ बनने के लिए एवं पुरुष की रचना पिता बनने के लिए किया गया है|”