मुस्लिम विधि एक वैयक्तिक विधि (Personal Law) है | यह कहा जाता है कि मुस्लिम विधि, दीवानी विधि की एक शाखा है जो मुस्लिम के व्यक्तिगत व पारिवारिक मामलो पर लागू होती है |
यहाँ सबसे पहला प्रश्न यह है कि -
हम मुस्लिम किसे मानेगे ?
निम्न को हम मुस्लिम मानेगें –
(1) इस्लाम धर्म को मानने वाला व्यक्ति मुस्लिम कहलाता है – इस्लाम अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ
है – ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण | विधि के दृष्टिकोण से इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिसमे दो प्रमुख सिद्धांतो पर विश्वास रखना अनिवार्य है –
(a) ईश्वर (अल्लाह) केवल एक ही है |
(b) मुहम्मद साहब इस अल्लाह के अन्तिम दूत है |
(2) जन्म से मुस्लिम (Muslim by Birth) - किसी व्यक्ति के जन्म के समय यदि उसके माता-पिता दोनों ही मुस्लिम रहे हो तो वह भी मुस्लिम होगा |
हेदाया के अनुसार - यदि जन्म के समय माता-पिता में से कोई भी मुस्लिम रहा हो तो वह व्यक्ति मुस्लिम होगा | परन्तु भारतीय अदालतों के द्वारा भैया शेर बहादुर बनाम भैया गंगा बक्स सिंह के मामले में कहा गया कि किसी व्यक्ति के जन्म के समय उसके माता पिता या पिता में से केवल कोई एक ही मुस्लिम रहा हो तब उसे मुस्लिम तभी माना जायेगा जब उसका लालन-पालन मुस्लिम की भांति हुआ हो |
(3) धर्म परिवर्तन द्वारा मुस्लिम (Converted Muslim) – किसी भी धर्म को मानने वाला व्यक्ति जो वयस्क तथा स्वस्थचित मस्तिष्क का है अपने मूल धर्म का परित्याग करके इस्लाम धर्म धारण कर सकता है | परन्तु संपरिवर्तन दुराशयपूर्ण नहीं होना चाहिए, दुराशयपूर्ण होने पर यह मान्य नहीं होगा |
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