Saturday, May 16

परिस्थितियों जिनमें एक पुलिस अधिकारी किसी असंज्ञेय अपराध में एक व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है क्या कोई प्राइवेट व्यक्ति बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है?

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(2) मैं यह उपबंधित किया गया है कि धारा 42 में वर्णित उपबंधो के अधीन कोई पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के बिना असंज्ञेय मामलों में गिरफ्तार नहीं कर सकता।

         धारा 42 के अनुसार जब कोई व्यक्ति जिसने पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध किया है या जिस पर पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध किए जाने का अभियोग लगाया गया है उस अधिकारी की मांग पर अपना नाम और निवास बताने से इंकार करता है या ऐसा नाम और निवास बताता है जिसके बारे में उस अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि वह मिथ्या है तब वह ऐसे अधिकारी द्वारा इसलिए गिरफ्तार किया जा सकता है कि उसका नाम और निवास अभिनिश्चित किया जा सके।

     उपर्युक्त प्रावधान से स्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति जिस पर पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में कोई असंज्ञेय अपराध का अभियोग है और जो पूछे जाने पर अपना नाम और निवास बताने से इंकार करता है या नाम और निवास मिथ्या बताता है तब उसके नाम एवं निवास को निश्चित करने के लिए उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

     दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 43(1) मैं प्राइवेट व्यक्ति द्वारा बिना वारंट के गिरफ्तारी का प्रावधान किया गया है इसके अनुसार कोई प्राइवेट व्यक्ति ऐसे व्यक्ति को जो उसकी उपस्थिति में अजमानती और संज्ञेय अपराध करता है या किसी उद्दघोषित अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करवा सकता है और ऐसे गिरफ्तार व्यक्ति को अनावश्यक विलंब के बिना पुलिस अधिकारी के हवाले कर देगा या हवाले करवा देगा या पुलिस अधिकारी के अनुपस्थित में ऐसे व्यक्ति को निकटतम पुलिस थाने ले जाएगा या भेजवायेगा।

       उक्त प्रावधान से स्पष्ट है कि कोई प्राइवेट व्यक्ति निम्न परिस्थितियों में बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता –
1. जब उसकी उपस्थिति में अजमानती एवं संज्ञेय अपराध किया है।
2. जो इस संहिता द्वारा किसी अन्य विधि के अंतर्गत उद्घोषीत अपराधी है।

 और ऐसे गिरफ्तार किए गए व्यक्ति –

1. पुलिस अधिकारी के हवाले कर देगा या
2. यदि पुलिस अधिकारी पास में नहीं है तो निकटतम पुलिस थाने ले जाएगा या भेजवायेगा।

    धारा 43(3) के अनुसार यदि यह विश्वास करने का कारण है कि उसने असंज्ञेय अपराध किया है तो पुलिस अधिकारी धारा 42 के अंतर्गत कार्यवाही करेगा किन्तु यदि विश्वास करने का पर्याप्त कारण नहीं है कि उसने अपराध किया है तो वह तुरंत छोड़ दिया जाएगा।

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