Sunday, May 17

आदेश

आदेश

अभियुक्त रामपाल को धारा 323 325 506 504 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडित किया जाता है
दंड के प्रश्न पर अभियुक्त तथा अभियोजन पक्ष को चुना गया है अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह अभियुक्त का प्रथम अपराध है तथा उसे कम से कम दंड दिया जाना चाहिए दूसरी तरफ अभियोजन में इसका विरोध किया।

उभय पक्षों के तर्कों तथा मामले के तथ्य एवं साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए धारा 323 के तहत 6 माह का कारावास एवं ₹500 जुर्माना धारा 325 के अंतर्गत 4 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 का जुर्माना धारा 504 के अंतर्गत 1 वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹1000 का जुर्माना तथा धारा 506 के अंतर्गत 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 3000 जुर्माना से दंडित करना उचित समझता हूं सभी सजाएं साथ साथ चलती हैं।

दिनांक 22 फरवरी 2018
हस्ताक्षर
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित दिनांकित एवं उद्दघोषित किया गया।
दिनांक 22 फरवरी 2018
हस्ताक्षर


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