Friday, May 15

विधान (Legislation)

• डायस एण्ड ह्यूज  के अनुसार किसी प्राधिकारी शक्ति द्वारा विधि को विमर्श पूर्वक अर्थात सोच समझकर एक निर्धारित ढांचे में ढालने की प्रक्रिया को विधान कहते हैं बशर्ते कि उस प्राधिकारी शक्ति को न्यायालय ने विधि निर्माण के लिए सक्षम शक्ति के रूप में मान्य किया हो
• विधान लेजिस और लेशियो नामक दो लैटिन शब्दों के योग से बना है
• लेजिस शब्द का अर्थ विधि तथा लेशियो का अर्थ  प्रस्थापना  अतः विधान का शाब्दिक अर्थ है विधि की प्रस्थापना या निर्माण करना
• ऑस्टिन के अनुसार ऐसे सभी वैधानिक कृत्य जिनके परिणाम स्वरुप विधि का निर्माण होता है या उसमें संशोधन या परिवर्तन होता है अथवा कोई नया उपबंध जोड़ा जाता है विधान के अंतर्गत आते हैं
• ऑस्टिन के अनुसार न्यायाधीशों द्वारा प्रतिपादित नए सिद्धांतों के आधार पर निर्मित विधि उनके वैधानिक अधिकार की  द्योतक  है ना की न्यायिक अधिकार की
• सामण्ड के अनुसार विधान विधि का वह भाव है जो एक शक्ति प्रदत्त अधिकारी के विधिक नियमों की घोषणा में सन्निहित है यह सिद्धांतों का ऐसा वर्णन है जो उन्हें विधि का बल प्रदान करता है
• सामण्ड ने विधान  शब्द को निम्नलिखित तीन अर्थों में प्रयुक्त किया है—
• 1. प्रथम संकीर्ण तथा नपे-तुले अर्थ में विधान विधि का वह स्त्रोत है जो सक्षम अधिकारी द्वारा विधिक नियमों की घोषणा से उत्पन्न होता है
• 2. द्वितीय व्यापक अर्थ में विधान शब्द के अंतर्गत विधि निर्माण की समस्त पद्धतियां सम्मिलित हैं
• 3. तृतीय विधान के अंतर्गत विधानमंडल की इच्छा कि प्रत्येक अभिव्यक्ति सम्मिलित है चाहे उस इच्छा के द्वारा विधि के नियमों का निर्माण हुआ हो या ना हुआ हो
• ग्रे ने विधान की परिभाषा देते हुए कहा है कि राज्य के व्यवस्थापिकीय अंग की औपचारिक घोषणा को विधान कहते हैं
• बर्क के अनुसार समाज में सुधार के लिए विधान ही एक प्रभावी साधन है
• टोक्यूविले ने कहा है कि प्रजातंत्र में विधान की अधिकता स्वभाविक है क्योंकि इस राज्य व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य अधिकतम लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना है
• वर्तमान सामाजिक आर्थिक तथा औद्योगिक प्रगति के कारण संसद के लिए यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासनिक कुशलता के लिए वह अपने विधायक की कार्यपालिका के पदाधिकारियों को प्रत्यायोजित करें-- के आर रावत बनाम सौराष्ट्र राज्य 1952
• विधिसम्मत शासन की व्याख्या करते हुए डायसी ने कहा है कि शासन तथा साहित्य दोनों ही विधि द्वारा समान रूप से आबद्ध  होने चाहिए अतः विधि निर्माण का दायित्व ऐसे प्राधिकारियों पर नहीं सौंपा जाना चाहिए जिन पर विधि के शासन का दायित्व भी सौंपा गया है
• भारत में विधानमंडल अपने मूलभूत कार्य को कार्यपालिका को प्रत्यायोजित नहीं कर सकता है-- इन रि दिल्ली लॉज केस 1951 सुप्रीम कोर्ट
• प्रत्यायोजित विधान पर संसद के नियंत्रण का दूसरा रूप यह है कि इस प्रकार निर्मित विधि को स्वीकृति हेतु संसद के पटल पर रखा जाता है तथा संसद उक्त विधि को संशोधित निरसित या अस्वीकृत कर सकती है जालान ट्रेडिंग कंपनी बनाम मिल मजदूर संघ 1967 सुप्रीम कोर्ट
• ऐसा प्रत्यायोजित विधान जो शक्तिबाह्य है उसे केवल संबंधित विधानमंडल के पटल पर रख देने मात्र से विधिमान्य नहीं माना जा सकता है श्री विजय लक्ष्मी राइस मिल्स बनाम आंध्र प्रदेश 1976 सुप्रीम कोर्ट
• संविधान के अंतर्गत अधीनस्थ विधायन पर लोकसभा समिति का गठन सन 1953 में किया गया था जबकि राज्यसभा में अधीनस्थ विधायन समिति सन 1964  से अस्तित्व में आई
• एयर इंडिया बनाम नरगिस मिर्जा 1981 सुप्रीम कोर्ट के मामले में उच्चतम न्यायालय ने प्रत्यायोजित विधान को इस आधार पर अपास्त कर दिया क्योंकि वह संविधान के अनुच्छेद 14 के उपबंधों के विपरीत था इस प्रत्यायोजित विधान द्वारा एयर इंडिया में काम करने वाली एयर होस्टेस पर यह पाबंदी लगाई गई थी कि यदि देश सेवा के प्रथम 4 वर्ष की अवधि में विवाह करती हैं या उनके द्वारा प्रथम बार गर्भधारण करने पर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी न्यायालय ने भी निश्चित किया कि उपरोक्त  शर्तों में प्रथम शर्तों उचित थी लेकिन गर्भधारण वाली शर्त सरासर अनुचित और मनमानी थी क्योंकि इससे एयर होस्टेज को गर्भ न धारण करने के लिए बाध्य किया जा रहा था जो मातृत्व के लिए अपमानजनक था

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