Thursday, June 11

विवाह विच्छेद के सम्बन्ध में 1976 के संशोधन द्वारा हुआ परिवर्तन

1976 के संशोधन द्वारा विवाह विच्छेद के प्रावधान में निम्नलिखित परिवर्तन हुए हैं

1. जारता या पर व्यक्ति के साथ स्वेच्छया मैथुन को धारा 13(1)(i) में विवाह विच्छेद का आधार बनाया गया है |

2. असाध्य रूप से विकृतचित्तता को विवाह विच्छेद का आधार बनाया गया है |

3. स्पष्टीकरण के माध्यम से अभित्यजन को परिभाषित करने का प्रयत्न किया गया है |

4. न्यायिक पृथक्करण या दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन की डिक्री के बाद पक्षकारो के मध्य  एक वर्ष से अधिक अवधि तक सहवास न होने पर विवाह विच्छेद का आधार माना गया है |

5. विवाह के पश्चात पति द्वारा पशुगमन को पत्नी के लिए विवाह विच्छेद का आधार बनाया गया है |

6.पत्नी को विवाह-विच्छेद के अतिरिक्त आधार के रूप में भरण-पोषण की डिक्री प्राप्त करने के एक वर्ष तक सहवास का न होना तथा 15 वर्ष से कम आयु की पत्नी द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पूर्व विवाह का निराकरण, को जोड़ा गया |

7. धारा 13-A जोड़कर न्यायालय को यह अधिकार दिया गया कि वह वैकल्पिक अनुतोष के रूप में विवाह विच्छेद के बजाय न्यायिक अलगाव की आज्ञप्ति पारित कर सके |

8. धारा 13-B को जोड़कर पारस्परिक सहमति से विवाह विच्छेद को मान्यता प्रदान किया गया है |

No comments:

Post a Comment

If you have any query please contact me