वैध दत्तक की आवश्यक शर्तें – हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 11 के अनुसार विधिमान्य दत्तक की निम्नलिखित आवश्यक शर्तें हैं –
(i) यदि पुत्र का दत्तक है तब दत्तक ग्रहीता माता या पिता का कोई हिन्दू पुत्र, पौत्र या प्रपौत्र दत्तक के समय जीवित न हो।
(ii) यदि पुत्री का दत्तक है तब दत्तक ग्रहीता माता-पिता की कोई पुत्री या पुत्र की पुत्री दत्तक के समय जीवित न हो।
(iii) यदि पुरुष द्वारा किसी नारी का दत्तक लिया जा रहा है तब दत्तक पिता दत्तक पुत्री से 21 वर्ष बड़ा होना चाहिए।
(iv) यदि किसी स्त्री द्वारा किसी पुरुष का दत्तक लिया जा रहा है तब दत्तक माता दत्तक पुत्र से 21 वर्ष बड़ी होनी चाहिए।
(v) जिस बालक को दत्तक लिया जाता है वह दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा दत्तक नहीं लिया जा सकेगा ।
(vi) जिस बालक को दत्तक दिया जाना आशयित हो, उसके सम्पृक्त जनकों अथवा संरक्षक द्वारा, उसका दत्तक लेने वाले कुटुंब में उसे अंतरित करने के आशय से वस्तुतः दिया और लिया जायेगा ।
परन्तु विधिमान्य दत्तक के लिए अनुष्ठान के रूप में दत्तक होम किया जाना आवश्यक नही है।
उपरोक्त शर्तो के अतिरिक्त धारा 6 भी दत्तक के सम्बन्ध में कुछ अपेक्षाओ का पूरा होना अनिवार्य बनाता है, जिसके अनुसार –
(i) दत्तक लेने वाला समर्थ हो।
(ii) दत्तक देने वाला समर्थ हो।
(iii) दत्तक लिया जाने वाला समर्थ हो।
(iv) अधिनियम की अन्य शर्तें पूरी हो।
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