Saturday, August 29

सिविल प्रकृति के बाद

कोई बात सिविल प्राकृतिक आवाज है या नहीं यह पत्रकारों की हैसियत पर नहीं अपितु वाद की विषय वस्तु पर निर्भर करता है सिविल प्रकृति का वाद वह होता है जिसका उद्देश्य किसी नागरिक या स्वयं राज्य के विरुद्ध किसी सिविल अधिकार अथवा सिविल दायित्व को लागू करता है ऐसा अधिकार और दायित्व नागरिक के  व्यक्तिगत जीवन से संबंधित होना चाहिए

किसी वाद के सिविल प्रकृति का अवधारण करते समय मुख्यत:दो बातों पर विचार किया जाता है

1.   वाद की सारवस्तु एवं

2.   उसके उद्देश्य की वास्तविक प्रकृति

सिविल प्रक्रिया संहिता की धारणाओं के स्पष्टीकरण एक से स्पष्ट होता है कि सिविल प्रकृति का वाद उस वाद को कहते हैं जिसमें संपत्ति संबंधी या पद संबंधी अधिकार प्रतिपादित होता है

उक्त स्पष्टीकरण की भाषा से यह भी स्पष्ट होता है कि यदि किसी वाद में मुख्य प्रश्न का एकमात्र विचारणीय प्रश्न जाति संबंधी या धार्मिक कृतियों  या कर्मों से संबंधित है तो बाद सिविल प्रकृति का वाद नहीं होगा क्योंकि उसमें जो प्रश्न विवादित है वह नागरिकों  के अधिकारों से संबंधित ना होकर उनके सामाजिक प्रश्नों से संबंधित है

यदि किसी व्यक्ति को जातिगत नियमों को तोड़ने के परिणाम स्वरुप किसी जातिगत उत्सव जैसे जाति भोज  खान-पान से वंचित किया जाता है तो उससे उस व्यक्ति के किसी विधिक अधिकार का हनन नहीं होता इसलिए ऐसा वंचित व्यक्ति सिविल वाद दायर नहीं कर सकता

विभिन्न न्यायिक निर्णय के आधार पर निम्नलिखित वाद को सिविल प्रकृतिवाद माना जाता है-

1.      सरकारी सेवक द्वारा अपने वेतन के बकाए के लिए वाद

2.      धार्मिक या अन्य प्रकार का जुलूस निकालने का अधिकार

3.      मृत व्यक्ति को दफनाने का अधिकार

4.      पूजा का अधिकार

5.      मत देने का अधिकार

6.      किसी व्यक्ति का संचालक क्या चेयरमैन की हैसियत संबंधी अधिकार

7.      विशिष्ट अनुतोष का अधिकार

8.      सिविल अधिकार के लिए क्षतिपूर्ति का अधिकार

9.      संविदा भंग पर क्षतिपूर्ति का अधिकार

10.    दांपत्य अधिकारों के पुनर्स्थापन के अधिकार

11.    विवाह विच्छेद संबंधी वाद

12.    प्रबंधन संबंधी वाद

13.    किराए संबंधी वाद

14.    घोषणा संबंधी वाद

15.    जन्मतिथि में सुधार संबंधी वाद

16.    यजमान  वृत्ति के लिए वाद

निम्नलिखित बातों को सिविल वाद नहीं माना गया है---

1.    जातिगत प्रश्नों से संबंधित वाद

2.    स्वेच्छा से किए गए भुगतान से संबंधित वाद

3.    किसी पद के साथ जुड़ी हुई गरिमा की रक्षा के लिए वाद

4.    गोपनीयता के अधिकार संबंधी वाद


 

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